>इस सुन्दर गाने को जमालसेन जी ने संगीतबद्ध किया था फिल्म पहले कदम के लिये परन्तु किसी कारण से यह गाना रिलीज नहीं हो पाया। इसे लताजी ने गाया गाया है। इस गाने के शब्दों की खूबसूरती पर खास ध्यान दीजिये। शब्दों को किस खूबसूरती से पिरोया गया है जैसे- आँखों में कटी- जब भी कटी- रात हमारी।हर पैरा की अन्तिम लाईन को भी लता जी ने कुछ सैकण्ड रुक कर कुछ अलग तरीके से गाया है।
बीता हुआ एक सावन एक याद तुम्हारी
ले देके ये दो बातें दुनिया है हमारी
बीता हुआ एक सावन
मजबूर बहुत दूर ये तकदीर के खेते
आराम से सोये ना कभी चैन से लेते
आँखो में कटी, जब भी कटी, रात हमारी
ले देके ये दो बातें….बीता हुआ सावन …
एक बार बरसने दो बरसती है घटायें
हम रोते हैं, दिन रात बता किसको बतायें
हंसती है हमें देखके तकदीर हमारी
ले देके ये दो बातें….बीता हुआ सावन …
भरपाये मुहब्बत से, दिल टूट गया है
तू रूठा तो, ले सारा जहाँ रूठ गया है,
ये जहाँ रूठ गया है
एक साथ दिये जाती है ये ठेस हमारी
ले देके ये दो बातें….बीता हुआ सावन …
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01 – Lata Mangesh… |
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महामंत्री - तस्लीम said,
June 8, 2009 at 11:35 am
>बहुत ही प्यारा गीत है, सुनकर मजा आ गया। आभार।-Zakir Ali ‘Rajnish’ { Secretary-TSALIIM & SBAI }
Manish Kumar said,
June 8, 2009 at 12:50 pm
>वाह! अच्छा लगा लता को इस बदले अंदाज़ में सुनना..
लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said,
June 8, 2009 at 7:03 pm
>Wow ..really melodious song ..Thanx Sagar Bhai'ssaa
sanjay patel said,
June 14, 2009 at 3:03 pm
>बड़ी सुरीली चीज़ सुनाई सागर भाई आपने.स्वरों और शब्दों की कैसी अदभुत सादगी समाई है इस बंदिश में.भरपाये जैसे ज़मीनी शब्द को कैसा सुन्दर वापरा गया है इस गीत में.बादलों की आस में मेरे मालवा में इस गीत को सुनकर शाम बन गई.
Dr Prabhat Tandon said,
June 17, 2009 at 4:43 pm
>क्या बात है !! मान गये आपको सगर भाई !!
sarwat m said,
July 4, 2009 at 12:41 pm
>सबसे पहले शुक्रिया इतना प्यारा, अनमोल, गुमनाम गीत पढ़वाने के लिए दूसरा शुक्रिया मेरे ब्लॉग पर आने के लिए. तीसरा, मुझे लेख भी लिखने के लिए प्रेरित करने हेतु. आपके प्रोफाइल पर आपकी उम्र देखकर दहशत में आ गया हूँ. १५१ वर्ष की आयु पाकर इतना हृष्ट पुष्ट होना मेरे लिए ईर्ष्या की बात है. ऐसा कैसे कर लिया आपने?