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हमारे यहाँ एक कहावत है जिसके अनुसार जो काम से बड़ा नही हो पता वो केवल मुह से बडा बनने की कोशिश करता है. लगता है जौन बुकनान भी आज कल कुछ ऐसा ही कर रहे है या फिर उन पर उनकी उम्र का प्रभाव कुछ जायदा ही असर दिखा रहा है. बुकनान सचिन और युवराज जैसे खिलाडियों पर अपनी कलम को लगातार घिस रहे है और उन्हें निम्नस्तर का खिलाडी घोषित करने के लिए प्रयासरत है. मगर वो इस बात को दरकिनार करने की कोशिश कर रहे है की सचिन जो की आज विश्व क्रिकेट का पर्याय बन चुके है तो युवराज अभी आई सी सी की रैंकिंग में नम्बर २ पर काबिज़ है. लगता है बुकनान अपनी घरेलू टीम के भविष्य को लेकर कुछ जयादा ही चिंतित है इस कारण २०-२० क्रिकेट में (जो की बुकनान के अनुसार भविष्य में क्रिकेट का सबसे अच्हा फॉर्म होगा) भारत के बढ़ते वर्चस्व से कुछ जय्दा ही चिंतित नज़र आने लगे है. या फिर उन्हें राखी सावंत की तरह मीडिया में बने रहने का भुत सवार हो गया है. तभी तो वो ऐसे शख्सओ पर अपनी टिप्निया करते है जो मीडिया में चर्चित है. ताकि वो भी जल्दी ही फेम हासिल कर ले. वैसे मई बुकनान साहब को एक सलाह देना चाहूँगा की फकत साहब इन हसीनो (मीडिया) से दूर की सलामत ही अच्छी न
इनकी दोस्ती अच्छी न इनकी दुश्मनी अच्छी..
abhishek
abhishek
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