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समूचे उत्तर प्रदेश में अपनी तथा पार्टी के चुनाव चिह्न ‘हाथी’ की मूर्तियां लगवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने बसपा प्रमुख मायावती को नोटिस भेजा है। आयोग ने मूर्तियों के रूप में अपनी तथा चुनाव चिह्न ‘हाथी’ पर खर्च हो रही धनराशि के साथ-साथ चुनाव चिह्न के दुरूपयोग पर नोटिस भेजकर
12 अगस्त तक स्पष्टीकरण मांगा है। रविकांत और सुकुमार दो सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं ने 15 जुलाई को निर्वाचन आयोग को दी अपनी याचिका में कहा है कि बसपा प्रमुख ने पूरे उत्तर प्रदेश में पार्टी के चुनाव चिह्न ‘हाथी’ की मूर्तियां लगवाकर आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन किया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि मायावती अपनी तथा चुनाव चिह्न ‘हाथी’ की जिस तरह से मूर्तियां लगवा रही हैं उससे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रभावित हो रहा है। याचिका में मायावती को चुनाव लड़ने से रोकने तथा चुनाव चिह्न के दुरूपयोग के चलते बसपा के चुनाव चिह्न को जब्त किए जाने की मांग की गई है। इस याचिका के साथ-साथ निर्वाचन आयोग को दो और याचिकाएं स्वयंसेवी संस्था ‘राष्ट्र निर्माण’ के अतुल कुमार सिंह की आ॓र से 18 जून को तथा ‘कॉमनकाज’ के निदेशक कमलकांत जायसवाल की आ॓र से 25 जून को मिली थी। गौरतलब है कि मायावती के ऊपर पूर्व में अपनी मूर्तियाँ लगाने और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को अपशब्द कहने को लेकर याचिका दायर की गयी है जिस पर सुनवाई होना बाकि है . याचिकाकर्ता सुकुमार ने कहा : ” यह संविधान और मानवता दोनों के खिलाफ है और हम दोनों लडाई लड़ रहे हैं . बताइए कितना बड़ा दुर्भाग्य है इस देश की जनता का , ७०% लोग २० से रूपये से कम के दैनिक आय पर जिन्दा है वहीँ पत्थर की मूर्तियों पर अरबों बहाए जा रहे हैं . हम तो चाहते हैं बसपा का चुनाव चिन्ह रद्द किया जाये .”

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