विज्ञापन देखो, पैसा कमाओ : पहला चेक आ गया, दूसरा आने ही वाला है… … Indian Paid to Click Site, Paid Advertisement

कुछ सप्ताह पहले जब मैंने विज्ञापन देखो पैसा कमाओ के सम्बन्ध में पोस्ट लिखी थी, तब सच में मुझे भी यकीन नहीं था कि वाकई यह “कॉन्सेप्ट” काम करता भी है या नहीं? क्योंकि नेट पर जैसा फ़र्जीवाड़ा छाया हुआ है उसे देखते हुए सिर्फ़ विज्ञापन देखने के लिये कोई पैसा दे, यह बात कुछ जमती नहीं थी। जब मेरे मित्र ने इस कम्पनी की विज्ञापन देखो पैसा कमाओ http://blog.sureshchiplunkar.com/2009/11/blog-post_30.html (इस लेख को ध्यान से पढ़ें) की स्कीम बताई थी, तब सिर्फ़ एक भारतीय कम्पनी होने के नाते इसे मैंने ज्वाइन किया, और जब यह मुझे इसके बारे में पूरा समझ में आया तभी मैंने अपनी “रेफ़रल लिंक” http://viewbestads.com/ref/MTU2ODc=aXY= अपने मित्रों को देना शुरु किया और एक पोस्ट लिखी। 17 नवम्बर को मैंने इसे ज्वाइन किया था, और 30 दिसम्बर तक मेरे 1400/- पूरे हो चुके थे। वेबसाईट की शर्तों के मुताबिक कम से कम 1200 रुपये होने पर ही चेक भेजा जाता है, सो जनवरी के पहले सप्ताह में क्लेम करने के बाद औपचारिकताओं (बैंक अकाउंट, पैन कार्ड की कॉपी) को पूरा करने पर कुछ ही दिनों पूर्व पहला चेक रुपये 467/- तथा 900/- का गिफ़्ट वाउचर घर आ गया है।

इसी प्रकार माह जनवरी में भी 31 जनवरी तक 1200/- बन चुके थे (यह भी तब जबकि वेबसाईट की प्रतिदिन 20 रुपये देने की प्रमोशनल स्कीम 1 जनवरी से ही बन्द हो चुकी, लेकिन चूंकि मेरी रेफ़रल लिंक से जुड़ने वाले सदस्य अधिक हैं इसलिये) तथा इसका 400/- का चेक तथा 800/- का गिफ़्ट वाउचर भी 10 फ़रवरी तक आने की सूचना मिल चुकी है।

अब आप सोच रहे होंगे कि 1400/- रुपये में चेक 467/- का क्यों और गिफ़्ट वाऊचर 900/- का क्यों? इसके पीछे कम्पनी का फ़ण्डा यह है कि जितना काम आप स्वयं करेंगे वह चेक के रूप में मिलेगा, जबकि आपके रेफ़रल लिंक पर बने सदस्य की सदस्यता और उसके द्वारा किये गये काम के बदले में जो पॉइंट्स मिलेंगे, उसके आपको गिफ़्ट वाऊचर दिये जायेंगे (मुफ़्त में जो भी मिले क्या बुरा है)। इन गिफ़्ट वाऊचरों को वेबसाईट पर दिये गये विभिन्न शहरों के आउटलेट्स, शॉपिंग मॉल, किराना-स्टेशनरी-मोबाईल आदि दुकानों पर उतने दाम का सामान खरीदकर भुनाया जा सकता है। यह गिफ़्ट वाऊचर 6 माह तक वैध होते हैं।

मुझे प्राप्त हुए चेक एवं दो गिफ़्ट वाऊचरों का इमेज नीचे लगा रहा हूं…। आप भी मेरी रेफ़रल लिंक पर क्लिक करके सदस्य बनिये, विज्ञापन देखिये, खबरें पढ़िये, क्विज़ खेलिये, Nifty का अनुमान लगाकर बोनस अंक जीतिये तथा पैसा कमायें। इस वेबसाईट से अधिक कमाने का मुख्य फ़ण्डा यह है कि एक बार सदस्य बन जाने पर आपकी रेफ़रल लिंक से जितने अधिक सदस्य बनायेंगे, पैसा कमाने की रफ़्तार उतनी बढ़ती जायेगी। मान लीजिये यदि आपकी डाउनलाइन में कोई सदस्य नहीं भी बना तब भी कमाई तो अवश्य होगी, लेकिन बहुत कम। अतः एक बार सदस्य बनने के बाद अपने मित्रों, रिश्तेदारों और परिचितों को आपकी रेफ़रल लिंक बतायें और सदस्य बनायें।

इसी प्रकार यह आसान कमाई करने वाले मित्रों (मेरे डाउनलाइनर्स) को एक बार पुनः चेतावनी देना चाहता हूं, कि कृपया एक कम्प्यूटर से एक ही व्यक्ति (यानी एक आईपी से) विज्ञापन देखने का काम करें, फ़र्जीवाड़ा नहीं करें, वरना पेमेंट रुक जायेगा, साथ ही अधिकाधिक कमाई करने के लिये अधिकाधिक सदस्य बनाने का प्रयास करें…

पूरी विधि एक बार फ़िर से –

1) http://viewbestads.com/ref/MTU2ODc=aXY= इस लिंक पर क्लिक करके साइट पर पहुँचें

2) ई-मेल आईडी भरकर रजिस्टर करवायें (रजिस्टर करते समय ध्यान रखें कि Referred ID में By ID 15687 पर टिक करें)

3) आपके मेल बाक्स में एक मेल आयेगी, उस लिंक पर क्लिक करके कन्फ़रमेशन करें।

4) अपना सही-सही प्रोफ़ाइल पूरा भरें, ताकि यदि पैसा (चेक) मिले तो आप तक ठीक पहुँचे।

5) बस, विज्ञापन देखिये और खाते में अंक और पैसा जुड़ते देखिये (दिन में एक बार)

6) अपने मित्रों को अपनी लिंक फ़ारवर्ड करें और उन्हें अपनी डाउनलिंक में सदस्य बनने के लिये प्रोत्साहित करें ताकि कुछ अंक आपके खाते में भी जुड़ें (हालांकि ऐसा कोई बन्धन नहीं है)…

यदि फ़ायदा नहीं भी हुआ, तो नुकसान यकीनन नहीं होगा… रोज़ाना नेट पर काम करते-करते 5-10 मिनट अतिरिक्त निकाले जा सकते हैं। उस मुए “बिदेसिया” Adsense (जिसने 3 साल में मेरे खाते में सिर्फ़ 9 डालर दिये हैं) की बजाय अपना “देसी पहलवान” क्या बुरा है।

अतः मित्रों, एक प्रकार से इसे मैं अपनी पहली ब्लॉगिंग कमाई कहूं तो कोई गलत नहीं होगा, क्योंकि मेरी ब्लॉगिंग में मेरा एक “डूबत खाता” भी है अर्थात “अखबारों द्वारा मेरे लेख बिना अनुमति छापकर एक फ़ूटी कौड़ी भी न भेजना”, और इस डूबत खाते में अब तक न जाने मेरे कितने ही रुपये डूब चुके हैं… ताज़ा-ताज़ा मामला लखनऊ से निकलने वाले “डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट” अखबार का है, जिसने तेलंगाना से सम्बन्धित मेरा लेख फ़ोकट में अपने अखबार (30 दिसम्बर’09 के अंक) में चेप लिया, अब तक उन्हें 2-3 ई-मेल भेज चुका हूं कोई जवाब नहीं आया है, महफ़ूज़ भाई से व्यक्तिगत रूप से मिलकर आने की गुज़ारिश की है और सम्पादक महोदय को, मेरा लेख छापने के एवज़ में मात्र 1000/- (बगैर पेनल्टी लगाये हुए डिस्काउंट रेट पर) भेजने को कहा है… देखते हैं क्या होता है, वरना डूबत खाते में गये…।

आजकल ब्लॉगिंग में मुकदमा-मुकदमा खेल भी चल रहा है तो किसी नामी वकील से सलाह लेकर अखबार को नोटिस भेजूं… लेकिन सोचता हूं कि वकील की फ़ीस के लिये भी तो मुझे चन्दा करना पड़ेगा…) तब तक “भागते भूत की लंगोटी” या “दान की बछिया” के रूप में विज्ञापन देखो पैसा कमाओ स्कीम ही भली…

Happy Blogging, Happy Earning…

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27 Comments

  1. February 4, 2010 at 6:11 am

    वाह, बधाई सुरेश जी, मैं तो इसे सिर्फ एक मजाक ही समझ बैठा था !

  2. K. D. Kash said,

    February 4, 2010 at 6:15 am

    खुश है सुरेशजी आज पहली तारीख है

  3. February 4, 2010 at 6:17 am

    आप को बधाई।हम तो समझते थे कि ऐसे ही है…सो बीच मे ही छोड़ दिया था.

  4. February 4, 2010 at 6:18 am

    अच्छी खबर सुनाई आपने सुरेश जी!अपना बेलेंस तो अभी रु.1066 में लटका हुआ है, प्रतीक्षा कर रहे हैं रु.1200 हो जाने की।

  5. K. D. Kash said,

    February 4, 2010 at 6:19 am

    पहले नेट से कमाई होती ती लेकिन सिर्फ मच्हुवारोकी लेकिन अब तो ये पधे लिखे लोग भी नेट से कमाई करने लगे वा क्या बात है

  6. K. D. Kash said,

    February 4, 2010 at 6:20 am

    आप को बहूत सारी बधाई या

  7. February 4, 2010 at 6:21 am

    बढ़िया है कम से काम कुछ तो आया हम भी लगे पड़े है देखते है हमारे पास कब चैक आता है, आपको बहुत बहुत बधाई

  8. February 4, 2010 at 6:21 am

    बधाई हो भाऊ।वकील तो है ना अपने कोटा वाले उनके पास भी डूबत खाता है।वे उस खाते मे डाल देंगे आपकी फ़ीस्।

  9. February 4, 2010 at 6:21 am

    घणी घणी बधाई. अब खिलाओ मिठाई 🙂

  10. February 4, 2010 at 6:28 am

    मायाजाल का तिलिस्‍म है, टूटेगा नही 🙂 बहुत बहुत बधाई

  11. February 4, 2010 at 6:33 am

    कृपया ये बातयें कि एक ही आइपी से एक से अधिक एकाऊंट बन सकता है क्या ?

  12. February 4, 2010 at 6:37 am

    @ मिथिलेश भाई – एक आईपी से एक से अधिक अकाउंट बन तो सकता है, लेकिन विज्ञापन देखने का काम एक कम्प्यूटर पर एक ही आईडी से होना चाहिये, अर्थात यदि घर के सारे सदस्य अपनी आईडी बनाकर बारी-बारी से एक ही कम्प्यूटर पर काम करेंगे तो "पेमेंट अवैध" होने की सम्भावना है…

  13. रचना said,

    February 4, 2010 at 6:45 am

    party bantii haen blog meet rakh lae isii bahanae milna ho jayegaa

  14. मनुज said,

    February 4, 2010 at 6:52 am

    @सुरेश जी, मैंने अब तक तीन बार सिरीज़ में एड देखे हैं पर फिर भी मेरा बैलेंस ये साईट सिर्फ २० रु बता रही है, बीस रूपए तो पहले बार में ही कमा लिए थे!!क्या करू अब मैं, कृपया बताईये !!

  15. February 4, 2010 at 7:48 am

    mithaai chahiye . party agale cheque par

  16. RC Mishra said,

    February 4, 2010 at 8:02 am

    बधाई हो!आप ने भी ब्लॉगिन्ग से कमाई शुरू कर ही दी 🙂

  17. February 4, 2010 at 8:03 am

    आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि आपने इस लेख से मुझे क्या दिय है। मै हमेशा ही इस प्रकार की लिंक खोजता रहता था पर डरता था कि कहीं मेरा पैसा न डूब जाए। पर आपने ज्वाइन किया । अब डर नहीं पुनः कोटिशः धन्यवादफीरोज खान

  18. February 4, 2010 at 9:55 am

    वाह! बधाई आपको बी एस पाबला

  19. रंजन said,

    February 4, 2010 at 9:59 am

    मैं तो आपके वाउचर का प्रिंट लेकर भुनाने जा रहा हूँ आपसे पहले…:)

  20. February 4, 2010 at 12:04 pm

    भाई मैंने भी पहल की है अब देखते है आगे…… रिटायर्ड हूँ इसीलिए अजमाने में कोई दिक्कत नहीं है .. हा हा

  21. February 4, 2010 at 12:10 pm

    BHUT ACHHI JAANKAARI DI SAADAR PRAVEEN PATHIK 9971969084

  22. February 4, 2010 at 2:00 pm

    कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं है.

  23. February 4, 2010 at 3:52 pm

    आपको बधाई ! मेरे देर से बनने का नुकसान यह हुआ कि बीस रूपये रोज वाली स्कीम का लाभ नहीं मिला ।

  24. raghu said,

    February 4, 2010 at 4:31 pm

    सुरेश जी!आपका बहोत बहोत धन्यवाद!अभी आपको जोईन होता हु!आपने आय पी नंबर का जिक्र किया है तो एक सवाल मनमे है..मै जो इन्टरनेट कनेक्शन युज करता हु उसको फ़िक्स्ड आय पी नंबर नहि है.. जबभी कनेक्ट होता हू हर बार नया आय पी नंबर मिलता है.. तो मै अपने घरवालोंका भी account बनाकर इसी पीसी से अलग आय पी नंबर से विज्ञापन देख सकता हु ना? क्रुपया मेरा शक दुर करे!धन्यवाद!

  25. February 4, 2010 at 7:00 pm

    वाह, बधाई सुरेश जी, मैं तो इसे सिर्फ एक मजाक ही समझ बैठा था !

  26. February 5, 2010 at 7:03 am

    इस गिफ्ट वाऊचर में से हमारा हिस्सा हमें भेज दीजियेगा :)बधाई हो आपकोप्रणाम

  27. February 5, 2010 at 4:29 pm

    दुनिया में जितनी चिढ मुझे इस MLM फंडे से है उतनी शायद किसी और से नहीं होगी | मैंने यही सोचा था कि यहाँ ऐसा नहीं होगा पर यहाँ भी ऐसा ही हुआ |पहले महीने तो मेरे अकाउंट में 20 रुपए जुड़ते थे, दुसरे महीने से हर दिन कुछ पैसे जुड़ने लगे | पहले महीने ही बोनस दे रहे थे बाद के महीने में नहीं | पूछने पर मेल आया की कुछ पोलिसिज़ भी चेंज कर दी गयी है | मुझे इसमें संदेह नहीं की सुरेश सर का चेक गलत होगा चूँकि उनके आर्टिकल लिखने के बाद काफी सदस्य उनके नीचे बने थे, पर जैसा कि अवधिया जी ने बताया कि उनके 1066 ही हुए हैं, शायद उनके रेफर्ड मेम्बर काफी कम होंगे | मैंने तो दुसरे महीने कि शुरुआत में ही बंद करने में भलाई समझी | फंडा MLM जैसा ही है जो शुरू में जुड़ जाता है और जिसके नीचे ज्यादा मेंबर होते हैं कमाई सिर्फ उसी कि होती है बाकी उम्मीद में जीते हैं, ऐसे अकाउंट को जितनी जल्दी बंद कर दो उतना समय किसी दुसरे काम पर फोकस करने में लगा सकते हैं | मेरे हिसाब से दो महीने में 1500 से ज्यादा कमाए जा सकते हैं कोई दूसरा आनंददायक काम करके बजाय ऐसे काम करके जो चिढ उत्पन्न करें | मेरी दृष्टि में ब्लॉग पर एड देकर कमाना इससे ज्यादा सरल और कम चिढ उत्पन्न करने वाला है, हालाँकि मेरी रूचि उनमे भी नहीं है |मुझे नहीं लगता कि किसी को भी अवधिया जी कि तरह जिनको 5-6 महीने बाद और पता नहीं कब जब 1200 रूपए मिलेंगे तो चाहे फ्री के ही हों, कोई ख़ुशी मिलेगी या वो उसका कोई ख़ास उपयोग कर पाएंगे |सुरेश सर जिस जोश और उत्साह कि बातें करतें है और दुसरे भारतीयों से अपेक्षा करते हैं उस हिसाब के नजरिये वाला भारतीय क्योंकर महीने के 1000 रूपए में भी खुश होना चाहिए वो भी ऐसा irritable काम करके | अन्य मित्रों को लग सकता है कि बात कहाँ कि कहा ले जा रहे हो, परन्तु यह उम्मीद में जीने वाला भारतीय attitude दासता का बहुत बड़ा कारण है ये किस तरह कि संतुष्टि है ? मुझे थोडा आश्चर्य जरूर है कि सुरेश सर को कोई ख़ुशी मिली इस चेक को पाकर |मुझे कोई पाठक बताएँगे कि किस-किस को इस काम में मजा आ रहा है और वाकई में उन्हें कोई दिक्कत नहीं इस तरह धीरे-धीरे पैसा आने में | 5-6 महीने में तो इतना बिजली का बिल ही हो जायेगा |आश्चर्य यह भी कि किसी ने भी इस काम को लेकर अपनी अरूचि को यहाँ खुलकर प्रकट नहीं किया |और जिस तरह मित्रों पार्टियाँ मांग ली हैं उस सूरत में सुरेश सर जी का मुर्गी से ज्यादा मसाला हो जायेगा | ;-)खैर बाकी के आर्टिकल्स के लिए सुरेश सर की मुस्तेदी के लिए दाद देनी पड़ेगी |


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