प्रिय मित्रों, पाठकों, शुभचिंतकों… राजा बाबू और नीरा राडिया वाली पोस्ट सीरिज के बाद मुझे कई व्यक्तिगत ई-मेल मिले हैं, जिसमें पाठकों ने कहा है कि इस घोटाले के बारे में जानकर उन्हें बेहद आश्चर्य और क्षोभ हुआ है। साथ ही कई पाठकों ने लिखा है कि उनके विभाग में भी इस प्रकार के कई घोटाले उनकी आँख के सामने होते रहते हैं, लेकिन चूंकि उनके हाथ बँधे हुए हैं इसलिये वे इस बारे में कुछ नहीं कर सकते…
अतः ऐसे सभी व्यक्तियों, मित्रों, पाठकों, शुभचिन्तकों, पत्रकार मित्रों सभी-सभी से सादर अनुरोध है कि यदि उनकी निगाह में उनके आसपास किसी सरकारी या निजी विभाग में कोई घोटाला, अनियमितता, अनाचार या अत्याचार चल रहा है, तो कृपया इसकी जानकारी मेरे ई-मेल पर करने का कष्ट करें। यदि आपके पास किसी अनियमितता सम्बन्धी कोई कागज़ात, फ़िल्म क्लिप, मोबाइल क्लिप अथवा अखबार की कटिंग आदि उपलब्ध हो, तो कृपया मुझे स्कैन करके अथवा मुझसे ई-मेल पर सम्पर्क करके मुझे भिजवा सकते हैं।
कई मित्र सरकारी विभागों में हैं, जहाँ उनके पास उस विभाग के घोटाले सम्बन्धी दस्तावेज़ अथवा सूचना के अधिकार के तहत कोई विस्फ़ोटक जानकारी हाथ लग जाती है, और वे उनकी नौकरी पर खतरे की आशंका के तहत इस बारे में यदि कुछ नहीं कर पाते और वाकई दिल से चाहते हैं कि उस अनियमितता को उजागर होना ही चाहिये, तो कृपया वे दस्तावेज (या अन्य सबूत) मुझे भेज सकते हैं… मैं वचन देता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि आपका नाम-पता-पहचान गुप्त रखी जायेगी।
चूंकि मेरे जानकारी एकत्र करने के स्रोत तो बहुत सीमित हैं, जबकि कुछ पत्रकार मित्र तो अपने फ़ील्ड सम्पर्कों के जरिये एक से बढ़कर एक गोपनीय दस्तावेज़ ला सकते हैं, लाते भी हैं या उनके पास कहीं से पहुँचते हैं। परन्तु कई बार बड़ी मेहनत से लाई गई उनकी रिपोर्ट को उनका चैनल (अथवा अखबार) उस खबर या दस्तावेज को सार्वजनिक करने (प्रकाशित करने) से इंकार कर देता है। अखबार (चैनल) प्रबन्धन और मालिक के दबाव में वह सनसनीखेज लेकिन “सच्ची रिपोर्ट” दबा दी जाती है क्योंकि उसमें मालिकों के हित-अहित और स्वार्थ जुड़े होते हैं, ऐसे सभी पत्रकार मित्रों से विनम्र अनुरोध है कि वे चाहें तो वह सारा मैटर मुझे भेज सकते हैं… ज़ाहिर है कि उन पर पड़ने वाले दबाव और उनकी नौकरी पर खतरे के कारण, उनका नाम-पता-पहचान आदि बिलकुल गुप्त रखा जायेगा।
देशहित में किसी भी बड़े गैरकानूनी मामले को सामने लाना हम सभी का कर्तव्य है, यदि आप किसी भी मजबूरी की वजह से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन उसकी आपको जानकारी है, तो वह आप सबूत सहित मुझे भेज सकते हैं, मैं उसे अपने ब्लॉग पर उठाउंगा, मुझे अपनी नौकरी जाने का कोई डर नहीं है, क्योंकि मैं नौकरी करता ही नहीं।
तो भाईयों मैं अपने ई-मेल पर नीरा राडिया जैसे ही कुछ और घोटालों के सबूतों (चित्र, स्कैन इमेज, गोपनीय दस्तावेज, किसी अवैध सरकारी आदेश की छायाप्रति, इत्यादि) का इन्तज़ार कर रहा हूं… निःसंकोच भेजें… (suresh.chiplunkar @ gmail. com)
=====================
अब बारी डिस्क्लेमर की – इस ब्लॉग पर प्रकाशित होने वाले किसी भी लेख, पोस्ट, चित्र अथवा लिंक सम्बन्धी किसी भी कानूनी विवाद का न्यायक्षेत्र उज्जैन (मध्यप्रदेश) रहेगा। आज दिनांक 17 मई 2010 को ब्लॉग लेखक द्वारा यह सार्वजनिक घोषणा की जाती है, ताकि सबको जानकारी हो और सनद रहे…।
कृपया इस डिस्क्लेमर को नीरा राडिया वाली पोस्ट से जोड़कर न देखा जाये… यह डिस्क्लेमर (सर्वसाधारण आम सूचना) भविष्य में किसी भी परेशानी से बचने अथवा कम करने हेतु की जा रही है। जो भी “सज्जन”(?) भविष्य में किसी अदालती विवाद में मुझे निपटाना चाहते हों, उज्जैन में मुकदमा दाखिल करें…।
हस्ताक्षर – सुरेश चिपलूनकर, उज्जैन (मप्र) दिनांक 17/05/2010
E-Guru Rajeev said,
May 17, 2010 at 3:26 pm
ये सही कदम है.
सतीश पंचम said,
May 17, 2010 at 3:30 pm
सार्थक पहल है। बहूत ही सही कदम।
ललित शर्मा said,
May 17, 2010 at 3:44 pm
सार्थक पहल
DR. ANWER JAMAL said,
May 17, 2010 at 3:44 pm
सार्थक पहल ….क्या मां-बाप को अपने अपाहिज भ्रूण को गर्भ में ही मार डालना चाहिये ?http://blogvani.com/blogs/blog/15882A grave in the womb .
सुनील दत्त said,
May 17, 2010 at 3:48 pm
अपनी सुरक्षा बयवस्था पर पहले ध्यान दें
arun arora said,
May 17, 2010 at 3:48 pm
बहुत अच्छी शुरुआत पर बुरी बात है की मुकदमा उज्जैन में ही किया जा सकता है इससे हमारे उन वकील दोस्तों का कोटा कहा जाएगा जिनका धंधा ही लोगो को सम्मन भेजकर कोर्ट से बाहर फैसला कर रोजी रोटी कमाते है .कृपया ऐसी गलत शुरुआत ना करे जिससे हमारे कुछ मित्रो के पेट पर लात पड़ जाए मित्र .और वो रोटी कमाने के लिए ब्लोगिंग छोड़ कर कोर्ट जाने के मजबूर हो जाए 🙂
honesty project democracy said,
May 17, 2010 at 3:51 pm
सराहनीय प्रयास और ब्लॉग को सही दिशा में आगे बढ़ाने वाला कदम /
Mithilesh dubey said,
May 17, 2010 at 4:05 pm
बहुत ही सार्थक पहल की है आपने , स्वागत है ।
aarya said,
May 17, 2010 at 4:20 pm
सादर वन्दे !हम हर तरह से आप को यैसे जानकारी से समृद्ध करने का प्रयास करेंगे! जो हमारे समाज के नासूर बने हुए हैं. आपकी इस बहादुरी के लिए पुनः प्रणाम.रत्नेश त्रिपाठी
Dhananjay said,
May 17, 2010 at 5:49 pm
Such a person about whom you have written this post are called Whistle Blowers and are given sufficient security in developed countries. They are exactly the same types you have mentioned in this post, those who see and understand that a crime is being committed around them, in their workplace etc. BUT cannot open their mouth for obvious reasons. Our country is also in dire need of Whistle Blowers. Even a few of them can make the change. I hope there are several around…
महफूज़ अली said,
May 17, 2010 at 5:56 pm
बहुत ही सार्थक पहल की है आपने…
PD said,
May 17, 2010 at 8:11 pm
अपने इस डिस्क्लेमर को एक गैजेट में लगाकर रख दें.. मुकदमा करने वालों को सुविधा होगी.. पंगेबाज जी मौज लेने से बाज ना आये.. 😀
भारतीय नागरिक - Indian Citizen said,
May 17, 2010 at 11:11 pm
अच्छा किया.. जो सबको सावधान भी कर दिया…
वीरेन्द्र जैन said,
May 18, 2010 at 12:12 am
इन्दौर में कुछ अखबारों द्वारा भ्रष्टाचार के उद्घाटन पर मीडिया के ऊपर सरे आम हमले हो रहे हैं, उसके बारे में आंखें मूंद कर चल रहे हैं क्योंकि…..
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said,
May 18, 2010 at 1:24 am
बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं आप। शुभकामनाएं।
ePandit said,
May 18, 2010 at 1:28 am
आपकी पहल सराहनीय है। सफलता हेतु शुभकामनायें।
संजय बेंगाणी said,
May 18, 2010 at 4:52 am
यानी आक्रमक रूख अपनाने जा रहे है. न्यायालय वाली बात स्थाई रूप से ब्लॉग पर चस्पा कर रखें. ऊपर कहीं हो तो अच्छा रहेगा.
ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandey said,
May 18, 2010 at 6:09 am
वाह, बहुत सही!
Rajendra jangid said,
May 18, 2010 at 6:27 am
AADARNIYE SURESHJI SADAR PRANAM,AAPSe ek nivedan hai ki aap APNI VISFOTAK KHABRO ke liye itna mat tarsaya kijiye,, Ek BAAT YE Seculrism ka CHMACHA "" VIRENDRA JAIN "" ko HIndutav se kya problem hai=, maine suna ISKA relative congress party ka NETA (chamcha) hai,,,VIRENDRA JAIN ISS BAAT KO MANEGA KYA>>>>>>>/?
दिवाकर मणि said,
May 18, 2010 at 6:37 am
सुरेश जी, आपने तो बर्र के छत्ते में हाथ डाल रखा है, मेरी शुभकामना है कि आप मार्ग सदा निष्कंटक बना रहे और आप राष्ट्रोन्नति के अपने ध्येय में अबाधित रूप से सफल हों।शुभास्ते पन्थानः सन्तु…आपका मार्ग कल्याणकारी होवे…
डॉ महेश सिन्हा said,
May 18, 2010 at 6:48 am
शुभकामनाएँ
Sanjeet Tripathi said,
May 18, 2010 at 7:13 am
shubhkamnayein "prabhu"pangebaaj ji ko mauj lete dekh kar khushi hui
अविनाश वाचस्पति said,
May 18, 2010 at 7:28 am
आप मानें या न मानेंपर यह सच है किजलजला जलाने नहींजगाने आया हैआग लगाने नहींलगी हुई आग कोबुझाने आया हैhttp://jhhakajhhaktimes.blogspot.com/2010/05/blog-post_18.html
सुलभ § सतरंगी said,
May 18, 2010 at 7:40 am
हां ये जरुरी कदम है… आपने सही किया सबको बताकर.बाकी अन्य पत्रकार मित्र सहयोग करें.
पं.डी.के.शर्मा"वत्स" said,
May 18, 2010 at 9:32 am
पूर्णत: उचित कदम उठाया आपने…शुभकामनाऎँ!!
रंजना said,
May 18, 2010 at 10:20 am
सार्थक व सराहनीय प्रयास…
पी.सी.गोदियाल said,
May 18, 2010 at 12:19 pm
@ वीरेन्द्र जैन : ये उदगार महाराष्ट्रा में नए-नए जन्मे अखबार दैनिक १८५७ के लिए वहाँ के एक नेता के है इसके बारे में नहीं कुछ कहोगे ?"अगर मेरा बस चले तो मैं दैनिक १८५७ के कार्यालय में जाकर इस संपादक का काम ही तमाम कर दूं। न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी।"
Nitish Raj said,
May 18, 2010 at 3:22 pm
कोशिश अच्छी है …। चलिए देखते हैं।
Ikraaz (Anil Mistery) said,
May 18, 2010 at 5:04 pm
नमस्कार सुरेश जी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आपकी इस सराहनीय पहल पे मै आपको बधाई देता हूँ , आज जब देश में आग लगी हुई है और ज्यादातर लोग अपने स्वार्थ पूर्ती या उदर पालन में लगे हैं , आपके प्रयास सराहनीय हैं हमसे जो बन पड़ेगा हम अपने देश की खातिर करेंगे .वंदे मातरम
राम त्यागी said,
May 18, 2010 at 10:50 pm
I am with you dear as always !!
SHIVLOK said,
May 19, 2010 at 6:46 am
आदरणीय सुरेश जी , आपकी यह पोस्ट जिस भाव व उद्देश्य के साथ लिखी है वह अतिश्रेष्ठ है| यह तो ठीक है, परन्तु आपकी सुरक्षा की चिंता बनी हुयी है | सुरेश जी "राम" की नीति से श्रेष्ठ "कृष्ण" की नीति होती है| आप थोडा सावधान जरूर रहें, अदालतों की तो चिंता नहीं है, अदालतों से तो आपको कोई तकलीफ नहीं हो सकती | असली चिंता दुष्ट लोगों की तरफ से है| हमारे देश के हालात बेहद दयनीय हैं| इन हालातों में आप जैसे, महफूज भाई जैसे लोग राष्ट्र की महान निधि हैं| इसलिए अपना ध्यान रखना|
SHIVLOK said,
May 19, 2010 at 7:14 am
@वीरेंद्र जैन,आपको सुरेश जी की इस पोस्ट पर टिप्पणी योग्य कुछ भी महसूस नहीं हुआ आपने एक शब्द भी पोस्ट के बारे में नहीं लिखा, या तो आपमें योग्यता नहीं है, या आपका दिमाग ही शरारती है जहाँ तक इंदौर वाले मामले का सवाल है उसे तो सारा मीडिया वैसे ही जोरदार ढंग से उठा रहा है, ऐसे मामलों के लिए सुरेश जी जैसे प्रखर लेखकों की जरूरत ही नहीं है, इस तरह के मामलों के लिए तो आप जैसे ही काफी हैं सुरेश जी तो ऐसे मामलों पर कलम चलाने के लिए हैं जिन पर बाकि लोग कलम नहीं चलाते जिन मामलों पर सारा मीडिया खामोश रहता है, आप जैसे नपुंसक और निर्वीर्य लोग खामोश रहते हैं उन पर कलम चलाने का काम ही सुरेश जी जैसे महान लोग करते हैं|आई क्या बात समझ में ?
Ratan Singh Shekhawat said,
May 19, 2010 at 4:12 pm
शुभकामनाएँ
man said,
May 19, 2010 at 4:34 pm
ये इन्दोर incident पर इतना उछल कूद कर रहे हे तो ,,जय चंद स्पेक्ट्रम घोटाले पर चुप क्यों हो? हमारे राज स्थान मी भी बार बार ;;; ये इन्दोर में ऐसा वो वेसा ''तो हम का करे …पानी भरने से तो फुर्सत मिले
Rakesh Singh - राकेश सिंह said,
May 20, 2010 at 5:18 pm
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं |
nikhil said,
May 20, 2010 at 6:15 pm
virendra jain ji aap sahi jagah dekhkar comment kara kijiye,is jagah sirf haan me haan milayi ja sakti hai, sahamti jatayi jaa sakti hai,iske alawa kuch bhi nahi kaha jaa sakta hai
Anonymous said,
August 26, 2010 at 11:55 am
Ap apni suraksha ka vishesh dhyan rakhein kyonki gaddoro ki koi kami nahi hai is desh me. haan apni pahchan jitni ho sake to gupt hi rakhein.