1950 में बनी और दिलीप कुमार- नरगिस अभिनीत फिल्म जोगन (Jogan) दिलीप- नरगिस के अभिनय के अलावा मधुर गीतों के कारण भी बहुत ही लोकप्रिय हुई। इस फिल्म में संगीतकार बुलो सी रानी ने मीरा बाई के भजनों को बहुत ही सुन्दर धुनों में ढ़ाला था। सुन्दर धुन के साथ अगर गीतादत्त (रॉय) की आवाज मिल जाये तो गीत कितने सुन्दर बनेंगे; सहज ही कल्पना की जा सकती है।
इस फिल्म में सभी गाने नरगिस पर फिल्माये गये हैं, स्वाभाविक है कि वे गीतादत्त ने ही गाये होंगे परन्तु आज जो गीत मैं आपको सुनवाने जा रहा हूँ उसे तलत महमूद ने गाया है। यह गीत फिल्म में पार्श्व में बजता है।
शिकारी, शिकारी
सुन्दरता के सभी शिकारी
कोई नहीं है पुजारी
सुन्दरता के सभी शिकारी
महल-दोमहलों बीच खड़ी कोई
चन्द्रकिरन सी नारी
छल से बल से
छल से बल से तन-मन-जोबन
लूटे हाय शिकारी
सुन्दरता के सभी शिकारी
बाग-बगीचों खिली कली तो आया वहीं शिकारी
देख-देख जी भरा न उसका चुन ली कलियाँ सारी
सुन्दरता के सभी शिकारी
बन-उपवन में सुन्दर हिरनी दौड़-दौड़ के हारी
देख के कंचन काया उसकी पीछे पड़ा शिकारी
सुन्दरता के सभी शिकारी
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