क्रिसमस पर 242 ईसाई परिवारों की घर वापसी

क्रिसमस के अवसर पर उत्तर प्रदेश और उड़ीसा के 242 ईसाई परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की। जो यह बात दर्शाती है कि आज के दौर में धर्मान्‍तरण जबरन हो रहा है। जो भी ये ईसाई हिन्‍दू बने है भूत में उन्‍हे बरगला फुसलाकर ईसाईत्‍व का जामा पहनाया गया था। आज इनकी वापसी इसलिये हो पाई है कि इनकी आस्‍था पर आज भी राम और कृष्‍ण है और ये हृदय से भारतीय है।

खबर है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के तीस गांवों के दो सौ ईसाई परिवारों ने मंगलवार को हिंदू धर्म अपनाया।ये परिवार धर्म जागरण समिति के बैनर तले सरस्वती विद्या मंदिर में जमा थे। विद्यालय परिसर में हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। इन लोगों का कहना है कि ईसाई मिशनरी ने प्रलोभन देकर ईसाई धर्म ग्रहण कराया था।

राउरकेला से मिली खबर के अनुसार, मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में 42 परिवारों के 187 सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी की। मंगलवार को जिले के नुआगांव ब्लाक स्थित चिकिटिया गांव में विहिप ने परावर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया था। यहां पंडितों ने इन परिवारों का शुद्धिकरण किया। उसके बाद इन लोगों को हिंदू देवी-देवताओं के लाकेट एवं फोटो दिए गए। हिंदू धर्म में वापसी करने वाले सभी आस पास के गांवों के निवासी हैं।

सभी के हिन्‍दू धर्म में पुन: शा‍मिल होने पर हार्दिक बधाई।

6 Comments

  1. नटराज भारती said,

    December 26, 2007 at 10:48 am

    ढिढोरा मत पीटो भाई, शांति से काम करना चाहिए. और हिन्दु बनने के लिए क्या खुद को हिन्दु मान लेना ही काफी नहीं होना चाहिए, एकदम सरल.

    आदिवासी इलाको में और ज्यादा काम करने की आवश्यकता है. ताकि धर्म परिवर्तन हो ही नहीं.

  2. Anonymous said,

    December 26, 2007 at 12:01 pm

    Tatha kathit bhkta log ko bhi dhyan dena chaahiye.katha vaachak brahmin log bhi to bhratachaar kar logo ki aastha kharaab kar rahe hai.

  3. Gulshan khatter said,

    December 26, 2007 at 1:15 pm

    भाइ प्रलोभन हि सब कुच नहि हे आज जरुरत हे समाज मे फ़ेलि कुरितिय को ख्त्म करना जो जात-पात के नाम पार एक दुसरे को बात रहि हे निचि जात वालो को मन्दिरो मे परवेश नहि मिलेगा तो मुमकिन हेकि वो दुसरे धर्मो को अपनाये गे

  4. मिहिरभोज said,

    December 26, 2007 at 3:47 pm

    बंधुओ जब तक हम हर हिंदु को आत्मसम्मान से जीने का हक नहीं दे देते तब तक ये संघर्ष जारी रहने बाला है,जिस दिन किसी दलित को मंदिर में जाने से कोई नहीं रोकेगा,जिस दिन उसके हाथ का पानी में हमें झिझक नहीं होगी उस दिन कोई दलित धर्मांतरित नहीं होगा .हम स्वयं ऐसे उदाहरण पेश करें आगे बढकर

  5. हिन्दु चेतना said,

    December 27, 2007 at 10:34 am

    अभी लाखो बाकी है उन्के बारे मे सोचो

  6. Tara Chandra Gupta said,

    December 30, 2007 at 2:02 pm

    jaruri hai kadam. apne shaher me kuchh aise sansthn hai jahan per hindu parivartan ho rahe hai, iske peechhe kai karan hai.


Leave a reply to नटराज भारती Cancel reply