प्रिय ब्लॉगरों एवं पाठकों, इन शब्दों तथा खास व्यक्तियों के पूरे नामों का अधिकाधिक उपयोग करें… (एक माइक्रो-पोस्ट)

शब्द कोई सा भी हो, किसी भी भाषा का हो, यदि लगातार लेखन-पठन और बोलचाल में उपयोग किया जाये तो वह जल्दी लोकप्रिय हो जाता है और चलन में आ जाता है। प्रिय मित्रों और पाठकों, गत एक-दो वर्ष से लगातार ब्लॉग लेखन के दौरान मैंने कुछ शब्दों को बनाने और फ़िर उन्हें प्रचलित करने की कोशिश की है, और खुशी की बात है कि अब ये धीरे-धीरे प्रचलन में आने भी लगे हैं, जैसे “शर्मनिरपेक्षता”, “वामपंथी रुदालियाँ”, “मीडियाई गिद्ध” तथा “भोंदू युवराज” आदि… आशा है कि आप इन शब्दों को सतत उपयोग करके आम चलन में लायेंगे, क्योंकि एक शब्द से ही पूरा चित्र पाठक की आँखों के सामने आ जाता है।

एक और शब्द है 6M के हाथों बिका हुआ मीडिया (अर्थात- मार्क्स, मुल्ला, मिशनरी, मैकाले, मार्केट और माइनो) यह भी जल्दी ही लोकप्रिय हो गया है (हालांकि यह शब्द मेरा दिया हुआ नहीं है, मूलतः यह 4M था लेकिन बाद में इसमें मैंने अपनी तरफ़ से “मार्केट” और “माइनो” जोड़कर 6M बना दिया है)।

इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए मैं अपने समस्त 600 सब्स्क्राइबरों और अन्य पाठकों से अनुरोध करता हूं कि भविष्य में वे प्रसिद्ध हस्तियों(?) को उनके पूरे नाम से पुकारें। “नाम” व्यक्ति की पहचान होता है, और यदि व्यक्ति “खास” हों तथा “खास विचारधारा” के पालन-पोषण में लगे हों तब “नाम” महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि सिर्फ़ नाम लेने से कई बार पूरा “व्यक्तित्व” खुलकर सामने नहीं आ पाता, जैसे कि ओबामा कहने से वह बात नहीं बनती, जो कि “बराक हुसैन ओबामा” कहने से होती है….। अतः जैसे ही किसी व्यक्ति का पूरा नाम (और उसका काम) आपके सामने उजागर हो, उसी समय से उस व्यक्ति को पूरे नाम से सम्बोधित करना शुरु करें… लम्बे समय में इसका असर देखियेगा… आईये आज से ही शुरु करें… भविष्य में प्रणव रॉय न लिखें, “प्रणव जेम्स रॉय”, लिखें… इसी प्रकार “सुज़ैन अरुन्धती रॉय”, “सेमुअल राजशेखर रेड्डी”, “तीस्ता जावेद सीतलवाड” जैसे नामों को भी पूरा-पूरा लिखें… ताकि इन लोगों का पूरा व्यक्तित्व खुलकर सभी के सामने आ सके…

ब्लॉग जगत में सड़ांध और बदबू फ़ैलाने वालों के लिये भी एक शब्द हेतु सुझाव आमंत्रित हैं, कोई ऐसा शब्द सुझायें जिससे ऐसे ब्लॉगरों का पूरा व्यक्तित्व एक शब्द में ही उजागर हो जाये… उदाहरण के तौर पर “ब्लॉग पिस्सू”, “कीचड़-सम्राट”, “ब्लॉग-लसूड़ा” आदि… ताकि उस एक शब्द को लगातार इस्तेमाल करके भविष्य में “सूचक” के रूप में स्थापित किया जाये…

“शर्मनिरपेक्षता”, “वामपंथी रुदाली” और ‘भोंदू युवराज” के उपयोग हेतु एक बार फ़िर से मनःपूर्वक आभार… हैप्पी ब्लॉगिंग…

42 Comments

  1. March 19, 2010 at 7:01 am

    अच्छा सुझाव है आपका सुरेश जी!अवश्य अमल में लायेंगे।

  2. March 19, 2010 at 7:05 am

    ब्लोग पिस्सू ठीक है….थोङा शालीन है….कुछ ज्यादा ही भारी हो तो ब्लोग लसूङा भी चलेगा

  3. March 19, 2010 at 7:07 am

    कस्बा-किंग, लाल-झंडे जैसे नाम मैने भी दिये है. कुछ और भी शब्द है जो याद आते ही लिखता हूँ.

  4. ashwatthama said,

    March 19, 2010 at 7:14 am

    यही रचनात्मकता और कल्पकता किसी अच्छे उपयोग में लाये तो बेहतर हो. 'वैसे किसीभी' व्यक्ती के नामों में जातीयता 'ढूंढना' बेकारों के लिये अच्छा शगल साबित हो सकता है. वैसे “ब्लॉग पिस्सू”, “कीचड़-सम्राट”, “ब्लॉग-लसूड़ा” में से अपने लिये आपने कौनसा नाम चुना है? बडे दु:ख से लिख रहा हूं कि एक समय में रोचक और शिक्षाप्रद लगने वाला यह ब्लॉग और ब्लॉगर अनजाने में ही खुद भी सडांध फैला रहा है. आपको आत्मपरीक्षण की बहुत आवश्यकता है. जय हिन्द!

  5. कुश said,

    March 19, 2010 at 7:18 am

    और नेहरु डायनेस्टी टी वी का क्या..?

  6. March 19, 2010 at 7:27 am

    प्रिय अश्वत्थामा भाई – रचनात्मकता और कल्पकता से भरी पोस्ट भी कई लिखी हैं, और आगे भी लिखेंगे… अभी तो गन्दगी को साफ़ करने के लिये थोड़ा-बहुत गन्दगी में उतरना ही पड़ेगा। फ़िलहाल आप मुझे जो नाम देना चाहें दे सकते हैं… स्वागत है। कृपया व्यक्तिगत ईमेल द्वारा यह भी बताने का कष्ट करें कि मेरी फ़ैलाई हुई "सड़ांध" कौन-कौन सी पोस्ट में है… तो आत्मपरीक्षण भी कर लूंगा…। प्रत्येक आलोचना का स्वागत करना ही चाहिये… @ कुश भाई – नेहरु डायनेस्टी टीवी (NDTV) भी अच्छा प्रचलित है, आपसे पूर्ण सहमत… @ बेंगाणी जी – "कस्बा किंग" अच्छा लगा। "लाल मुँह का बन्दर" कैसा रहेगा? 🙂

  7. kunwarji's said,

    March 19, 2010 at 7:44 am

    ha ha sujhega to bataayenge jarur pryog bhi karungawaise ek naam "dr. jaanlewa" kaisa rahega..(aapke liye nahi)kunwar ji

  8. March 19, 2010 at 7:59 am

    कल ही आपके ब्लॉग में 6M पढ़ा और कोष्ठक के नाम पढ़ कर एक बार में ही पूरा चित्र दिमाग में उतर गया. "प्रणव जेम्स रॉय”, “सुज़ैन अरुन्धती रॉय" और "तीस्ता जावेद सीतलवाड" सुनकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने आँख पर से पट्टी उतार दी. "ब्लॉग उदबिलाव" ( : उल्टा सीधा, : देख पढ़ कर, बी : बिना समझे, ला:लगे बी: ब्लॉग्गिंग करने) पर भी गौर फरमा सकते है.

  9. March 19, 2010 at 8:12 am

    सुरेश भाई ,मैं पहले दिन दिनसे ही आप की लेखन शेल्ली का प्रसंशक रहा हूँ. आप के विचारों का भी मुरीद हूँ. आप के ब्लॉग में आज तक मेने कभी भी आप को अत्म्स्तुती करते हुए नहीं देखा किन्तु आज मुझे कुछ एसा आभास सा हो रहा है की आप अपने प्रचारित और चिर प्रशंसित शब्दों के के लिए दोबारा दाद के अपेक्षा कर रहे है. क्षमा प्रार्थी हूँ, शायद गलती मेरी ही हो

  10. March 19, 2010 at 9:05 am

    @ अजय भाई, आप मेरे नियमित पाठक हैं… यह पोस्ट सिर्फ़ अनुरोध करने के लिये लिखी गई है और सुझाव आमंत्रित करने हेतु,,,, जैसे कि भावेश जी ने ब्लॉग-ऊदबिलाव नामक बेहतरीन सुझाव दिया है…। ब्लॉग पोस्ट आपसी विचार-विमर्श के लिये ही तो होती हैं… और उसी में से कुछ नया निकलकर आता है। आत्मस्तुति के लायक मैं आज तक कुछ लिख ही कहाँ पाया हूं… अभी सिर्फ़ 3 साल ही तो हुए हैं भाई ब्लॉगिंग करते हुए… आप मेरे शुभचिन्तक हैं, आपको ऐसा लगा और आपने अपना विचार निःसंकोच रखा इसलिये धन्यवाद… हो सकता है कि मेरा मंतव्य मैं स्पष्ट रूप से न रख पाया हूं…

  11. March 19, 2010 at 9:25 am

    ब्लॉग-मलीच 🙂

  12. March 19, 2010 at 9:27 am

    ब्लोग ऊद बिलाव को पूर्ण समर्थन

  13. March 19, 2010 at 10:10 am

    कोशिश करके देखते हैं.

  14. सोनू said,

    March 19, 2010 at 10:16 am

    मैं ये शब्द सुझाता हूँ:भूरी हिंदी या धूसर हिंदी : उन हिंदी ब्लॉगरों के बारे में बात करते समय जो अंग्रेज़ी की मिलावट करके लिखते हैं।या, दरअसल जो कहना चाहता हूँ, अंग्रेज़ीदाँ शब्द को एक हल्की गाली बना दिया जाए। यह शब्द है "अंग्रेज़ी दाँ" या "अंग्रेज़ी दान" मानी "अंग्रेज़ी जानने वाला"। लेकिन इसके उपयोग करते हुए इसके साथ एक अपमानजनक व्यंजना जोड़ ली गई है, जिसे और घना करना चाहिए। ध्यान रखिएगा, इससे बनने वाले शब्दों में अंत में चंद्रबिंदु नहीं "न" आता है। जैसे अंग्रेज़ीदानों या अंग्रेज़ीदाँ लोगों की अंग्रेज़ीदानी(=अंग्रेज़ी का ज्ञान)। बाक़ी शब्द हैं: अंग्रेज़ियत, अंग्रेज़परस्त, अंग्रेज़ की औलाद, और मेरा एक मेरा गढ़ा हुआ पद है: अंग्रेज़ाणी का जाया (=अंग्रेज़ानी का पैदा किया हुआ)।

  15. March 19, 2010 at 11:09 am

    ब्लोग ऊद बिलाव se sahmat hain

  16. March 19, 2010 at 12:55 pm

    ब्लॉगदस्यु कैसा रहेगा ओर कोई अच्छा दिमाग में आएगा तो बताएँगे.

  17. March 19, 2010 at 1:35 pm

    हमारे भी कापी राईट है जिन्‍हे मुक्त कर रहा हूँ – सेक्यूलर वेश्या

  18. March 19, 2010 at 2:45 pm

    कुछ हम भी सुझाते अच्छा लगे तो डिक्सनरी में जगह दिजियेगा।आंतकवादी – कांग्रेसी दमादपाकिस्तान – पोर्किस्तानकम्युनिष्ट पार्टी – लाल तालिबानकामरेड – लाल तालिबानीअभी के लिये इतना ही सोच कर आगे भी बताउगा।

  19. March 19, 2010 at 2:52 pm

    शब्द तो ब्रह्म है.. ब्रह्मोस मिसाइल सरीखी मारक क्षमता होती है.. मैंने कुछ महिनों से इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल शुरू कर दिया है..यहां बस यह ध्यान रहे कि थोड़ा संयम और तमीज़ से इस्तेमाल किया जाए हालांकि यह व्यक्तिगत रुचि और विवेक पर निर्भऱ करता है.. किंतु शर्मनिरपेक्षता, वामपंथी रुदालियां, मोमबत्ती ब्रिगेड, प्रणव जेम्स राय सरीखे नाम तो खूब ब्लागप्रिय होते जा रहे हैं.

  20. March 19, 2010 at 3:19 pm

    अत्यंत ही ज्ञानवर्धक आज का लेख है, आज के लेख को आधार बनाकर मैं एक ब्लॉग बनाना चाहता हूँ. क्या आज का यह सम्पूर्ण लेख या कुछ अंश कट-पेस्ट कर सकता हूँ !!यहाँ प्रस्तुत कुछ विद्वानों की टिप्पणियां भी कट-पेस्ट करनी होंगी.

  21. March 19, 2010 at 3:31 pm

    ऐसी बात नहीं है कि मैं राष्ट्र से प्रेम नहीं करता, पर इस आग को जीवित रखने का काम चिपलूनकर भाई आप ही करते हो. मेरे लिए जीवनदाता हो आप.

  22. March 19, 2010 at 3:34 pm

    क्रप्या याद रखे बन्दर ,उदबिलाव की भी समाज मे इज़्ज़त है …………..

  23. March 19, 2010 at 4:05 pm

    ब्लास्टर्ड कैसा रहेगा?

  24. दहाड़ said,

    March 19, 2010 at 5:39 pm

    दादा मुझे तो मीडिया के लिये "भान्ड गवईये" बडा ही पसंद आया…भ्रष्टाचार के लिये प्रयोग करें "कांग्रेसाचार",शरद पवार के लिये "शकर पगार ( शकर की घट-बढ से सैलरी कमाने वाला.

  25. March 19, 2010 at 6:03 pm

    बात कहने से पहले ही माफ़ी मांगना चाहता हूँ.. सुरेश जी, कभी दो-चार दिन प्यार बहरी बात भी तो लिखिए… सरे गम ख़त्म हो जायेंगे

  26. March 19, 2010 at 6:08 pm

    ब्लॉग-बखेड़ा , ब्लॉगटेटी( मूलतः बिहार में प्रचलित बकटेटी शब्द से बनाया है जिसका मतलब होता है बिना मतलब का बकबास करने वाला ), ब्लॉगकिर्री ( किर्री यानी मकई के भूजे में जो एकाध दाना बगैर फूटे काला-काला सा रह जाता है और मुंह का स्वाद बिगड़ देता है ) इन तीन शब्दों का उपयोग भी कर सकते हैं .

  27. March 19, 2010 at 6:36 pm

    aaz chakha aisaa swad maine bhee ha ha ha

  28. March 19, 2010 at 9:00 pm

    "प्रणव जेम्स रॉय”, “सुज़ैन अरुन्धती रॉय" और "तीस्ता जावेद सीतलवाड" आदि के बारे में जानकारी तो थी पर पर जेम्स, सुजैन, जावेद वाली नाम याद नहीं थे, अब याद कर लूंगा |मेरे हिसाब से तो शर्मनिरपेक्ष का प्रयोग ब्लॉगर के लिए भी कर सकते हैं – "शर्मनिरपेक्ष ब्लॉगर" |@ashwatthama जी अपने अपने नाम के अनुरूप ही टिप्पणी की है | महाभारत काल में भी अश्वत्थामा अधर्म के साथ था और आज आप भी अधर्म के ही साथ हैं (कम से कम आपकी टिप्पणी से तो ऐसा ही लगता है).

  29. March 20, 2010 at 1:40 am

    ब्लॉग-ऊदबिलाव से १००% सहमतहमने भी एक ऐसे ही चरित्र वाले मित्र को "ऊदबिलाव" की पदवी से सम्मानित कर रखा है |

  30. March 20, 2010 at 4:39 am

    भाऊ लाल मुंह के बंदरों के लिये कमरेट कैसा रहेगा,मैं अक्सर उन लोगों को इसी नाम से बुलाता भी हूं,इतना कम रेट बिकने का और किसी राजनैतिक पार्टी का नही होता।रूदाली भी मैं हमेशा इस्तेमाल करता हूं।ऊदबिलाव नया शब्द आया है और मुझे जमा भी।चलो रोज़ कुछ् न कुछ् तो सीखने को मिलता ही है।

  31. Indra said,

    March 20, 2010 at 7:58 am

    सुरेश भाई, क्या वाकई प्रणव रॉय का असली नाम प्रणव जेम्स रॉय है? यदि ऐसा है तो ये तो वाकई हिन्दुस्तान की जनता और खासकर मेरे जैसे NDTV देखने वालों को गुमराह करने की साजिश है.

  32. March 20, 2010 at 9:10 am

    श्री इन्द्र,प्रणव रॉय बंगाली पिता और आयरिश माता की संतान हैं. उनकी पत्नी ब्रिंदा करात की बहन राधिका है. सुरेशजी,शानदार लेख. हम इसे अमल मे लाएंगे.

  33. ePandit said,

    March 20, 2010 at 12:45 pm

    अच्छे शब्द बताये आपने। कुछ समय लगातार उपयोग करो तो खुद ही प्रचलित हो जाते हैं।मैंने भी कुछ तकनीकी शब्द प्रचलित करने की कोशिश की है। कुछेक लोगों द्वारा प्रयोग में लाये भी गये।

  34. Amit Sharma said,

    March 20, 2010 at 3:10 pm

    चाचाजी यह चलेगा क्या– "ब्लोगातंकी" (ब्लॉग द्वारा आतंक फ़ैलाने वाला- शायद जमाल साहब जैसो पर सटीक बैठ जाये )

  35. HINDU TIGERS said,

    March 21, 2010 at 1:19 pm

    आपका सुझाव एकदम सही है इसके साथ सेकुलर गिरोह जोड़ दें व सोनिया नेहरू का असली नाम एंटोनियो माईनो मारियो लिखें तो हम सिर्फ सच्चाई का साथ दे रहे होंगे।आसा है सच्चाई पसंद लेखक इन सुझावों को पसंद करेंगे।

  36. Chinmay said,

    March 21, 2010 at 6:58 pm

    बढ़िया आलेख!!! कुछ इसी तरह सेकुलर मीडिया के बखिये मैंने भी अपने ब्लॉग पर उधेड़े हैं , कृपया पढ़िए और अपनी टिपण्णी दीजिये . धन्यवाद .http://bharatbhumiyugeyuge.blogspot.com/2010/03/blog-post.html

  37. March 22, 2010 at 7:17 pm

    दादा, मेरा सुझाव है कि कम्युस्तो के लिए लाल मुंह वाला बन्दर ठीक नहीं है. इनके लिए 'लाल-दलाल' ठीक रहेगा. हालांकि यह मेरा कोपीराईट (:हा…हा…:) शब्द है और मैं काफी समय से वामपंथी दलालों को समर्पित इस नाम से ब्लॉग भी चला रहा हूँ…www.lal-dalal.blogspot.com 'कौम नष्ट' भी उनकी महिमा का अच्छा बखान करता है.सेकुलरो के लिए अंगरेजी में बहुत सार्थक नाम है..sick-ulars.६ एम को बिके हुए मीडिया के लिए 'मीडिया भांड' एकदम उपयुक्त है.जाते जाते ये भी बता दूं कि, भोंदू युवराज राहुल गांधी का असली नाम राउल है और उनकी बहन प्रियंका बढेरा का असली नाम बियंका है. मजे की बात है कि यह दोनों सेम्युअल राजशेखर रेड्डी की तर्ज पर अपने क्रिस्चियन नाम छिपाकर हिन्दू नाम ही चला रहे हैं, ताकि मूर्ख हिन्दुओं से वोट बटोरे जा सके.

  38. the said,

    March 23, 2010 at 6:33 am

    हमसफ़र जी ने भी अच्छे नाम सुझाए हैं- कम्युनिष्ट पार्टी – लाल तालिबानकामरेड – लाल तालिबानीबिल्कुल ठीक.

  39. March 23, 2010 at 4:36 pm

    'कस्बा किंग' नाम से किंग का अपमान होगा. इसकी बजाय 'कस्बा कुल्टाएं' ठीक रहेगा. या फिर 'कस्बा-दरबारी' , 'कस्बिने' 'कस्बा-कीट' भी उनकी प्रकृति को सूट होता है.

  40. March 23, 2010 at 4:37 pm

    जमालो के लिए 'जमालगोटा' एक दम सार्थक होगा. ————————

  41. March 28, 2010 at 3:20 am

    सुरेश जी राहुल गाँधी के लिए भोंदू युवराज के साथ साथ जर्सी बछड़ा शब्द भी ठीक रहेगा क्योकि वो भी किसी काम का नहीं होता.

  42. AAA said,

    March 30, 2010 at 10:48 am

    How about Burka Dutt?Barkha Dutt is married to a Kashmiri Muslim Haseeb A. Drabu. He is ex-Chairman and Chief Executive of Jammu and Kashmir Bank.(http://en.wikipedia.org/wiki/Barkha_Dutt)


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