>दिग्विजय सिंह और अन्य मंत्री हैं कई कम्पनियों के ब्राण्ड एम्बेसेडर… … Diggy Raja, UPA Ministers Brand Ambassador

>जैसा कि सभी जानते हैं, सभी कम्पनियाँ अपने विज्ञापनों के लिये कुछ नामी-गिरामी व्यक्तियों को ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाती हैं ताकि उनके उत्पाद खूब बिकें और उनकी बाज़ार में एक विशिष्ट पहचान बने…। मार्केटिंग गुरुओं की मानें, तो एक होती है Positive ब्राण्डिंग और एक होती है Negative ब्राण्डिंग… पॉजिटिव ब्राण्डिंग में विज्ञापनकर्ता उस हस्ती को लेकर अपने उत्पाद की खूबियाँ पेश करता है, जबकि निगेटिव ब्राण्डिंग में कम्पनी सिर्फ़ उत्पाद की खूबियाँ गिनाती है लेकिन बैकग्राउण्ड में किसी नकारात्मक छवि को रखकर… जैसे कि “बिनानी सीमेण्ट भूकम्परोधी मकान बनाने के काम आयेगा”, इसमें बिनानी सीमेण्ट  उत्पाद है, लेकिन भूकम्प विलेन है जिसके जरिये डराकर ग्राहकों को बिनानी सीमेण्ट खरीदने को कहा गया है… दाँतों की सड़न “डराऊ विलेन” है तो नमक वाला कोलगेट उसका उत्पाद है… ऐसे कई विज्ञापन हैं जिनमें निगेटिव ब्राण्डिंग कैम्पेन किया जाता है…

जबसे पिछले कुछ दिनों से दिग्विजयसिंह ने हिन्दुओं एवं संघ के खिलाफ़ बयानबाजी  शुरु की है, तभी से कुछ कम्पनियों की बाँछें खिल गई हैं, उन्हें बैठे-बिठाये, फ़ोकट में एक निगेटिव ब्राण्ड मिल गया है…। हाल ही में सेंटर-फ़्रेश कम्पनी  के सीईओ चम्पकलाल शाह ने कहा कि जल्दी ही हम इस च्युइंगगम का नया ब्राण्ड बाज़ार में उतारेंगे जिसकी पंचलाइन होगी… “सेण्टर-फ़्रेश खाओ, मुँह की दुर्गन्ध भगाओ…” पत्रकारों द्वारा इसका कारण विस्तार से बताने की मांग पर शाह ने कहा कि “जब भी दिग्विजय सिंह मुँह खोलते हैं, हिन्दुओं को तीखी बदबू का सामना करना पड़ता है…” अतः हमारे हिन्दुस्तान के बड़े हिन्दू बाज़ार को देखते हुए इस च्युइंगगम के सफ़ल होने के बहुतेरे आसार हैं। सेण्टर फ़्रेश कम्पनी की विज्ञापन एजेंसी चोरगेट-खामोलिव कम्पनी का कहना है कि “इस पंचलाइन के जरिये ही हम मुँह से बदबू खत्म करने वाले प्रोडक्ट के मार्केट पर कब्जा कर लेंगे… चूंकि दिग्गी “राजा” भी रहे हैं इसलिये वे कोई पैसा तो लेंगे नहीं… हम उनका चित्र भी विज्ञापन में नहीं दिखाएंगे… हिन्दुओं के लिये सिर्फ़ उनका नाम ही काफ़ी है। मुँह की दुर्गन्ध रोकने वाले इस धांसू विज्ञापन पर दिग्विजयसिंह का कॉपीराइट नहीं करवाया जायेगा, ताकि भविष्य में यदि राहुल गाँधी भी चाहें तो इस विज्ञापन में लिये जा सकते हैं…”। वैसे विश्वस्त सूत्र यह भी बताते हैं कि राहुल गाँधी  को ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाने के लिये भी दो कम्पनियों में खींचतान हो रही है, पहली है “बोर्नविटा” (बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास हेतु प्रतिबद्ध) एवं मेन्टोस  (दिमाग की बत्ती जला दे…), इस मामले में बोर्नविटा कम्पनी का दावा अधिक मजबूत नज़र आता है, क्योंकि उन्होंने 40 वर्ष के ऐसे अधेड़ों के लिये नया प्रोडक्ट लांच किया है जिनका मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पाया है।

बहरहाल, सेण्टर फ़्रेश कम्पनी की इन योजनाओं का खुलासा होने के बाद एक कार परफ़्यूम कम्पनी “एम्बीप्योर”  ने भी दिग्विजय सिंह को अपना ब्राण्ड एम्बेसेडर घोषित कर दिया है। कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर सुगन्धीलाल शर्मा ने कल एक पत्रकार वार्ता में बताया कि हम चोरगेट-खामोलिव के इस विज्ञापन से बहुत प्रभावित हैं और हमने आपस में टाई-अप करने का फ़ैसला किया है। चूंकि दोनों कम्पनियों के उत्पाद अलग-अलग हैं इसलिये हमारा कोई व्यावसायिक टकराव नहीं होगा, इस पर सेंटर फ़्रेश कम्पनी के चम्पकलाल शाह ने अपनी मुहर लगा दी है…। भविष्य में जब भी दिग्विजय सिंह कहीं भी पत्रकार वार्ता करेंगे, तो उनके माइक के पास ही सेंटर-फ़्रेश का पैकेट रखा जायेगा (वह एक बयान देंगे, दो गोली खायेंगे), तथा हॉल में मौजूद प्रत्येक पत्रकार को एक-एक “एम्बीप्योर स्प्रे” का पाउच दिया जायेगा। जैसे ही दिग्गी राजा प्रेस कान्फ़्रेन्स शुरु करेंगे, कम्पनी के प्रतिनिधि पूरे हॉल में एम्बीप्योर की 3 लीटर वाली बोतल से छिड़काव करेंगे…। हम चाहते हैं कि दिग्विजय सिंह कश्मीर से कन्याकुमारी तक कम से कम 300 पत्रकार वार्ताएं करें और हिन्दुओं के खिलाफ़ बदबू फ़ैलाएं, ताकि यह बदबू हॉल से बाहर निकलकर अखबारों के जरिये, लाखों कारों और बसों और ट्रेनों में फ़ैल जाये… फ़िर एम्बीप्योर को परफ़्यूम बाज़ार पर कब्जा जमाते देर नहीं लगेगी…

विशेष संवाददाता से यह भी ज्ञात हुआ है कि कई अन्य विज्ञापन कम्पनियाँ भी कांग्रेस के विभिन्न नेताओं से बहुत प्रभावित हैं। जिस प्रकार बिनानी सीमेण्ट वाले भूकम्प का डर दिखाकर धंधा कर रहे हैं, उसी प्रकार जेपी सीमेण्ट वालों ने अशोक चव्हाण को ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाने का फ़ैसला किया है। जेपी कम्पनी के विज्ञापन प्रमुख डॉ चट्टान सिंह हटेला ने कहा कि हम अपने सीमेण्ट की बोरियों पर एक तरफ़ अशोक चव्हाण का व दूसरी तरफ़ आदर्श सोसायटी  की विशाल इमारत का चित्र छापेंगे… चूंकि सभी लोग जानते हैं कि 5-7 मंजिला बिल्डिंग की अनुमति के बावजूद यह इमारत 23 मंजिल बन गई… तो ऐसे में सीमेण्ट की मजबूती तो अपने-आप स्थापित होती है… ऊपर से अशोक चव्हाण का चित्र भी रहेगा तो ग्राहक को सन्तुष्टि और विश्वास भी रहेगा…।

उधर चेन्नै में जूता कम्पनी अदिदास  के श्री चरणदास मारन ने भी माना कि हाल ही में सम्पन्न कम्पनी की बोर्ड मीटिंग में सुरेश कलमाडी को ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाने पर गम्भीरतापूर्वक विचार हुआ। चूंकि “कलमाडी और खेल सामान” की छवि आपस में खासी गुँथ चुकी है, ऐसी स्थिति में हम साइना नेहवाल जैसी नई लड़की को जूतों का ब्राण्ड एम्बेसेडर कैसे बना सकते हैं। चरणदास जी ने आगे बताया कि हम अपने ग्राहकों को यह विशेष छूट भी प्रदान करेंगे कि अदिदास कम्पनी का जूता पहनने वाले व्यक्ति, यदि कलमाडी पर अदिदास का ही नया-पुराना कोई भी जूता फ़ेंकते हैं तो उनके पूरे परिवार को एक-एक जोड़ी जूते मुफ़्त दिये जायेंगे, चाहे वह निशाने पर लगे या न लगे, यानी ग्राहकों का दोहरा फ़ायदा होगा, “आम के आम, गुठलियों के दाम”… हालांकि कलमाडी  को ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाने के लिये अदिदास के साथ फ़ेविकोल कम्पनी की भी खींचतान चल रही है, फ़ेविकोल कम्पनी के मार्केटिंग मैनेजर ने विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि चूंकि कलमाडी इतने विवादों, छापों के बावजूद अपनी कुर्सी से चिपके हुए हैं, अतः फ़ेविकोल के लिये उनसे बेहतर ब्राण्ड एम्बेसेडर नहीं मिलेगा… अब यह देखना रोचक होगा कि अदिदास या फ़ेविकोल में से किस कम्पनी से कलमाडी की सेटिंग सही बैठती है।

फ़िलहाल पुख्ता सूचना सिर्फ़ दिग्विजय सिंह के बारे में ही प्राप्त हुई है, यूपीए सरकार के अन्य मंत्रियों की विभिन्न कम्पनियों से बातचीत चल रही है। शरद पवार को चूंकि अब पैसों का कोई मोह नहीं रह गया है इसलिये उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आग्रह पर समाजसेवा का निर्णय लिया है, शरद पवार जल्दी ही “आओ मिलकर डायबिटीज़ रोकें…”  वाले जनसेवी विज्ञापन में नज़र आयेंगे। एसोसियेशन ने कहा है कि शकर के भावों और शुगर लॉबी से पवार के “मीठे सम्बन्धों” को देखते हुए आम जनता को डायबिटीज़ के प्रति जागरुक करने में यह विज्ञापन अहम भूमिका निभायेगा। वहीं गले की खराश मिटाकर आवाज़ खोलने वाली गोली “विक्स हॉल्स” की ममता बैनर्जी को विज्ञापन में लेने की योजना है, ताकि वे अपनी सभाओं में चिल्लाते समय उन गोलियों का उपयोग करें। जबकि ए राजा भले ही मंत्रिमण्डल से बाहर कर दिये गये हों, विज्ञापन कम्पनियों के मार्केट में उनकी जबरदस्त माँग बनी हुई है, टाटा, वोडाफ़ोन एवं रिलायंस कम्युनिकेशन्स में उन्हें अपना ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाने की होड़ लगी है, खबर है कि टाटा व अम्बानी के बीच समझौता हो गया है, कि रतनलाल टाटा, ए राजा को जबकि अम्बानी, नीरा राडिया को अपना ब्राण्ड एम्बेसेडर बनायेंगे।

तात्पर्य यह है कि आने वाले समय में यदि आपको टीवी के परदे पर धोनी, तेण्डुलकर, शाहरुख, अमिताभ की बजाय “सच्चे जनसेवक” दिखाई दें तो चौंकियेगा नहीं… यह विज्ञापन कम्पनियों की नई मार्केटिंग रणनीति है… जो बहुत “मारक” सिद्ध होगी।

चलते-चलते – एक ब्रेकिंग न्यूज़ अभी-अभी प्राप्त हुई है कि भारतीय लोककला संस्कृति बोर्ड ने सोनिया गाँधी को अपना ब्राण्ड एम्बेसेडर नियुक्त कर दिया है… वे भारत के ग्रामीण इलाकों में “कठपुतली कला” को लुप्त होने से बचाने के लिये कैम्पेन करेंगी। चुनाव आयोग, सीवीसी, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति जैसी चार-चार कठपुतलियों को एक साथ साधने की उनकी विशेष दक्षता को देखते हुए इस महान लोककला के पुनर्जीवित होने एवं इसका भविष्य उज्जवल होने की प्रचुर सम्भावनाएं हैं।

उन सभी गुलामों को अंग्रेजी नववर्ष की शुभकामनाएं… जो नये वर्ष में भी न “राजा” से मुक्ति चाहते हैं, न ही “रानी” से…

(समाप्त)
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फ़ुट-नोट :- वर्ष भर तो शर्मनिरपेक्षता, भोंदू युवराज, बौद्धिक खतनाग्रस्त जीवों तथा “हिन्दुओं द्वारा खाई गई लतखोरी की खबरें” आपको दूंगा ही, साल की पहली पोस्ट कुछ लाइट मूड में हो जाये…। यह पोस्ट इन्दौर के मेरे मित्र वाणी के धनी सुप्रसिद्ध एंकर भाई संजय पटेल के आग्रह पर लिखी है, और उन्हें ही समर्पित है…। आदरणीय कीर्तीश भट्ट, शिवकुमार मिश्र, आलोक पुराणिक, अनूप शुक्ल, सतीश पंचम  इत्यादि जैसे विद्वतजन इस पोस्ट में चाहें तो उचित सुधार करें… इस फ़ील्ड में यह मेरी “टेम्परेरी अतिक्रमण” करने की बेढंगी हिमाकत भर है, इनके सामने मैं कुछ भी नहीं हूं… ये पोस्ट तो बस ऐसे ही…

31 Comments

  1. January 3, 2011 at 9:22 am

    >हा हा हा… बहुत तगड़े से मारा है इन नामचीन कमीनों को….

  2. Lokesh said,

    January 3, 2011 at 9:26 am

    >wese in sab ko copniyo ko judna chahiye,kampniyo ka dubna nischit he..

  3. awyaleek said,

    January 3, 2011 at 10:11 am

    >ये ब्लॉग बहुत अच्छी है भैया।पूरा लेख भर पेट में गुदगुदी होती रही॥कभी कभी इस तरह के लेख लिखकर ठीक ही करते हैं आप।क्रिकेट खेलते-खेलते बीच-बीच में टेनिस के मैदान में आकार हाथ में रैकेट उठा लेने में भी कोई हर्ज नहीं।जो बैटिंग अच्छी कर लेता है वो रैकेट भी अच्छी चला ही लेगा भले ही उसका अभ्यास हो या न हो…

  4. P K Surya said,

    January 3, 2011 at 11:16 am

    >Namashkar Suresh Bhaiya, apko angreegi nav varsh kee badhai, ap esi prakar hum mahan (sochne bhar se) hindushtaniyon pe apne lekhni k A K 474747 se sweet sweet satya ka ehsas karwate rahiye ap k karan waise he kitna kuchh pata chala he yo sabdo me byan to kar nahi sakta, apke sabdo me phir se सभी गुलामों को अंग्रेजी नववर्ष की शुभकामनाएं… जो नये वर्ष में भी न “राजा” से मुक्ति चाहते हैं, न ही “रानी” से…

  5. January 3, 2011 at 11:36 am

    >बेहतरीन सुरेश जी! मज़ा तो आया परंतु आप के ब्लोग पर खरी खरी ही भली लगती है!

  6. January 3, 2011 at 12:40 pm

    >हाहाहा खूब कही…. अंतिम पार्ट जोरदार लगा… कठपुतली कला-संरक्षण…. हाहाहा साथ में मुंह बंद रखने के लिए चबाया जाने वाला च्युइंगम और 'इंटेग्रिटी और ऑनेस्टी' से भरपूर न्यूट्रिशनल ड्रिंक के लिए मनमोहन सिंह से बेहतर कोइ एम्बेसेडर नहीं हो सकता…

  7. January 3, 2011 at 2:06 pm

    >हा हा हा…गज़ब ढा गए सुरेश भाई| सच में कभी कभी ऐसी हलकी फुलकी कॉमेडी से भरपूर पोस्ट भी लिख देनी चाहिए, जिसमे कॉमेडी के साथ इन शर्मनिरपेक्ष लोगों की पोल भी खुलती रहे| सभी उत्पादों के साथ ब्रांड एम्बेसेडर क्या खूब फिट किये हैं आपने| आपको इसमें भी महारत हासिल है|

  8. January 3, 2011 at 2:16 pm

    >माना कि टेस्ट चेंज केलिए इतर विषयों पर भी लेख होने चाहिए, लेकिन इस तरह के लेख…!!!क्षमा चाहता हूँ पर मजा नहीं आया सुरेशजी।आपकी लेखनी जो सूट नहीं करते ये लेख।:)

  9. January 3, 2011 at 3:49 pm

    >आंख तो हिन्दुओं की पता नहीं कब खुलेगी..

  10. January 3, 2011 at 9:47 pm

    >हा … हा …. सही है

  11. January 4, 2011 at 8:05 am

    >कमाल कर दिया आपने सुरेश जी…जारी रखें…

  12. January 4, 2011 at 8:48 am

    >इन सालों भडुओं को कमाई का नया जरिया मिल गया है

  13. kaverpal said,

    January 4, 2011 at 9:15 am

    >Bhai sahab suresh ji mujhe bhi ek kamina serial banane ke liye kuchh kameeno ki jarurat hai aap mera ye kaam nikalva do chahe kalmadi se chahe diggi se kyon ki kameene ke role me mujhe inse achha koi nazar nahi aa raha

  14. January 4, 2011 at 11:16 am

    >"बस ऐसे ही" तो जबरदस्त रहा…."बस ऐसे ही" बीच बीच में पोस्टियाते रहिएगा…बहुत आनंद आया…यह नया रंग धुंधलाने न दीजियेगा..प्लीज !!!

  15. January 4, 2011 at 1:40 pm

    >झंडू बाम वाले भी नया शिकार ढूंढ रहे हैं

  16. January 4, 2011 at 2:13 pm

    >suresh jijayka badal gya, kamaal ka milaan kiya.

  17. January 4, 2011 at 2:25 pm

    >खुश कर दिया आपने….हा..हा…हा..देश भक्ति को पाप कहें यदिमै हूँ पापी घोर भयंकरकिन्तु रहा वो पुण्य कर्म तोमेरा है अधिकार पुण्य परअचल खड़ा मै इस वेदी पर-अमर वीर नाथूराम गोडसे

  18. ZEAL said,

    January 4, 2011 at 5:11 pm

    >दिग्विजय सिंह का भी वही हश्र करेगी जनता , जो मौकापरस्त नेताओं का होता है।

  19. January 4, 2011 at 5:29 pm

    >mast mare hain , in kanino ke liye isse achha kuch ho hi nahi sakta hai

  20. January 4, 2011 at 5:31 pm

    >hi mast mare hai , isse achha kuch ho hi nahi sakta in kamino ke liye

  21. abhishek1502 said,

    January 4, 2011 at 7:47 pm

    >हा हा हा हा ४० साल का अधेड़ अभी अपने को युवा समझता है. जरुर इस के दिमाग में केमिकल लोचा है राहुल गाँधी वाला बोर्नविटा की जरुरत तो कांगेस के हर नेता को है

  22. Man said,

    January 5, 2011 at 9:50 am

    >वन्देमातरम सर ,इन सभी बदजात नेतावो को आप ने ओखात दिखा दी |

  23. January 5, 2011 at 12:35 pm

    >PERFECT DOSE.

  24. Amit said,

    January 5, 2011 at 3:12 pm

    >Too good Sir!!I wish companies actualy do that. Happy New Year to you.

  25. January 5, 2011 at 5:50 pm

    >सुरेश जीआपने एक बार (नेहरु गाँधी राजवंश) वाला लेख लिखा था, जिससे पता चला था कि गाँधी परिवार को माइनोरिटी से इतना प्रेम क्यूँ है. मुज़े लगता है दिग्विजय के पूर्वजों के बारे में पता करो ये भी जरुर गड़बड़ घोटाला है..!!!!!!!!

  26. January 6, 2011 at 8:58 am

    >वाह सुरेश जी, आज तो बहुते मज़ा आया………. कभी कभी एईसी मिठास भी देते रहा कीजिए…….उम्दा…

  27. January 6, 2011 at 11:09 am

    >शानदार

  28. O P Shukla said,

    January 6, 2011 at 1:10 pm

    >suresh ji maja aa gaya apne bhaduo ki khub khabr li hai lekin ek kami khalti rahi ki apbhi imandari ke bhaduepan se apne ko bacha nahi sake manmohan desh ke sertaj hai umhe bhul ker ap janta ko kya sandesh dena chahte hai ki yaha sirf dalali wale hi bhadue rahte hai manmohan ne sabit kiya hai ki bhaduepan me bhi imandari barti aur puraskar paya ja sakta hai. vaise bahut bahut majedar post ka agrim shukriya lijie kyoki ham apse is tarah ke post ki bhi apekcha rakhate hai.–kabhi—-kabhi.

  29. January 6, 2011 at 4:54 pm

    >सुरेशजी बढिया लिखा है आपने! दिग्गीराजा को किसी जालिम दवा कि और इलाज कि काफी ज्यादा जरुरत है। इन्हे जल्द से जल्द किसी मानोविकारतज्ञ के पास भेजना चाहिए। और सरकार को यह कदम तुंरत उठाना चाहिए।इलाज का खर्च करने मे अगर केंद्रसरकार सक्षम नही है तो हम जैसे लोग दिग्गिराजा के इलाज का खर्च उठाने मे आनाकानी नही करेंगे।दिलखोल के पैसा लुटाने को तैयार हे जनता बस कोई इस दिग्गी का इलाज कर दे हमेशा के लिए।इस पागल दिग्गी के साथ साथ मनिष तिवारी, ,राहुल गांधी ,और महाराष्ट्र से हुसेन दलवाई ,जितेंद्र आव्हाड इनका इलाज होना भी आवश्यक है।

  30. Ashish said,

    January 14, 2011 at 9:35 pm

    >महाराष्ट्र माझा नामक एक वेबसाईट पे Most Corrupt Indian -२०१० के लिए मतदान चल रहा है, उसमे शरद पवार साहब को सब से ज्यादा वोट्स मिल रहे है, देखते है अखिर मैं कोन जितता है, भ्रष्टाचारी तो सब है लेकिन उन सबके बाप का खिताब जनता किसे देती है येह देखना रोमांचकारी होगा.

  31. Anonymous said,

    January 18, 2011 at 4:35 pm

    >rajneeti ke andar sabhi chort hote ja rahe hai aaj ek ajib nazara dekha, ek police barraked par do police wale khare the, ek bike wale ko rokna chah rahe the, bike wale ko gussa aa gaya aur wo police walon ko gali deta hua chala gaya, wo ruka nahin. bad mein police wale bhi use gali dete hue apni bharas nikalne lage.


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